आदमी ठिठक कर रुक गया। तभी सनसनाती हुई एक ईंट ठीक उसके आगे आकर गिरी। आदमी ने आवाज देने वाले की तलाश में चारों तरफ देखा पर कोई नजर नहीं आया।
आदमी आगे बढ़ गया। जब वह सड़क पार करने ही वाला था कि वही आवाज एक बार फिर गूंजी - रुक जाओ ! अगर एक कदम भी आगे बढ़ाया तो एक कार तुम्हें कुचल देगी।
आदमी फिर रुक गया। तभी एक कार बेतहाशा भागती हुई लगभग उसे छूती हुई निकल गई। अब आदमी से नहीं रहा गया।
उसने पूछा - कौन हो तुम ?
आवाज आई - मैं आपका सेवक और रक्षक देवदूत हूं । मेरा काम आपको मुसीबतों से बचाना है।
आदमी - ओह! अच्छा ! ...... कम्बख्त तुम उस वक्त कहां मर गए थे जब मेरी शादी हो रही थी .....
No comments:
Post a Comment